नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के लिए गेमचेंजर साबित होने वाला राफेल फाइटर विमान अंबाला पहुंच चुके हैं। भारतीय हवाई सीाम में 2 सुखोई फाइटर ने उसकी आगवानी की है। नैवी ने उसका स्वागत किया है। राफेल अपने पेट में बड़े घातक हथियार लेकर आया है। इसके आने भर की खबर से चीन और पाकिस्तान के हौसले पस्त हो चुके हैं।
See: Deadly weapons are hidden in Rafael’s stomach, Rafael reaches Ambala
New Delhi. Rafael fighter aircraft, which prove to be game changers for the Indian Air Force, have reached Ambala. He has been received by 2 Sukhoi Fighter in the Indian airplane. Navi has welcomed him. Rafael has brought a deadly weapon in his stomach. China and Pakistan have been battered by the news of its arrival. Haryana Home Minister Anil Vij has tweeted that Rafael Ambala has reached the airbase.
देखिए, भारतीय वायु सीमा में गर्व की उड़ान भर रहे हैं #Rafale , साथ में दो सुखोई विमान #RafaleInIndia pic.twitter.com/AVgmgYFcUN
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) July 29, 2020
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने ट्वीट किया है कि राफेल अंबाला एयरबेस पहुंच चुके हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करके सूचना दी है कि राफेल के भारतीय सीमा में घुसते ही दो सुखोई विमानों ने उनकी अगवानी की।
फ्रांस से सोमवार को 7000 किमी की हवाई यात्रा पर निकले 5 राफेल विमान यूएई पहुंचे।
स्वागत नहीं करोगे हमारा! #RafaleInIndia #Rafale pic.twitter.com/Ui8l2bT4mN
— Bhupender Yadav (मोदी का परिवार) (@byadavbjp) July 29, 2020
बुधवार सुबह इन राफेल ने भारत के लिए उड़ान भरी।
अंबाला एयरबेस पर एयर चीफ मार्शनल आरकेएस भदौरिया ने एक शानदार जश्न के बीच इन्हें रिसीव किया है।
इन्हें भारतीय वायुसेना में इसके 17वें स्क्वैड्रन गोल्डन ऐरो में शामिल किया जाएगा।
रफाल के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ेगी।
राफेल की तैनाती चीन की सीमा से लगभग 300 किलोमीटर दूर अंबाला एयरबेस पर की जाएगी।
इनके लिए अंबाला एयरबेस में विशेष हैंगर बनाए गए हैं।
राफेल और सुखोई की जुगलबंदी होगी गेमचेंजर
उच्च तकनीक सेंसर, लक्ष्य का पता लगाने और ट्रैकिंग के लिए बेहतर रडार और प्रभावशाली पेलोड ले जाने की क्षमता वाला वाला यह लड़ाकू विमान भारतीय वायसेना के लिए गेमचेंजर साबित होगा।
एयरफोर्स के एक अधिकारी के मुताबिक राफेल जेट दिखाई देने वाली रेंज से बाहर भी मिसाइल से हवा से हवा में मार करने में सक्षम है।
राफेल और सुखोई का कॉम्बिनेशन
भारत और फ्रांस के संयुक्त युद्धाभ्यास गरुण-6 के बाद एयर चीफ आरकेएस भदौरिया ने दुश्मनों को सुखोई और राफेल की घातक प्रहार क्षमता को लेकर चेताया था।
एयर मार्शल के मुताबिक सुखोई और रफाल एक बार साथ में ऑपरेट करना शुरू कर दें फिर किसी भी दुश्मन के लिए ये घातक साबित होंगे। इन दोनों का निशाना अचूक है।
एयर मार्शल के मुताबिक अगर सुखोई और राफेल एक साथ कोई भी ऑपरेशन करता है, तो दुश्मन बचेगा नहीं।
जमीनी और हवाई हमले
राफेल मीका मल्टी-मिशन एयर-टू-एयर मिसाइलों और स्कैल्प डीप-स्ट्राइक क्रूज मिसाइलों से लैस होंगे।
ये वे हथियार हैं, जिससे लड़ाकू पायलट पहाड़ों में भी दुश्मनों के हवाई और जमीनी ठिकानों पर हमला कर पाएंगे।
राफेल के अचूक निशाने से दुश्मन भी तरह से नहीं बच सकता।
10 टन वजनी यह लड़ाकू विमान मिसाइल्स के साथ उड़ान भरता है।
तब इसका वजन 25 टन तक हो जाता है।
ऐसे में इतना तो तय है कि राफेल दुश्मन के छक्के छुड़ाने के लिए अपने साथ काफी मिसाइल्स कैरी कर कर सकता है।
स्टील्थ टैक्नोलॉजी
राफेल स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस है और इसी खूबी के चलते यह दुश्मन को चकमा देने की ताकत रखता है और युद्ध के दौरान पूरा गेम बदल सकता है।
सबसे खतरनाक मिसाइल
बात अगर हथियारों की करें, तो राफेल में सबसे खतरनाक मिसाइल मिटिऑर है। इसकी खासियत है कि यह मिसाइल हवा से हवा में मार कर सकती है।
राफेल की ओर खासियत
राफेल दो इंजन वाला फाइटर जेट है। राफेल मिटिऑर और स्काल्प मिसाइलों से लैस है, जो जमीन से हवा में मारने भी सक्षम है।
राफेल की स्काल्प की रेंज करीब 300 किलोमीटर है।
राफेल में भारतीय वायुसेना के हिसाब से बदलाव भी किए जाएंगे।
भारतीय वायुसेना अपने बेड़े में शामिल होने वाले रफाल विमानों को हैमर मिसाइल से लैस बनाएगी, जिससे इस विमान की ताकत और अधिक बढ़ जाएगी।
स्पीड और टारगेट
And that is how the refuelling is done mid-air #RafaleJets#RafaleInIndia pic.twitter.com/Hx3rwhJFZy
— Deepak Kushwah (@iDeepakKushwah) July 29, 2020
2,223 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ान भरने वाला रफाल के राडार 100 किमी के भीतर एक बार में 40 टार्गेट का पता लगा लगा सकता है। जिससे दुश्मन के विमान को पता चले बिना भारतीय वायुसेना उन्हें देख पाएगी। एक साथ
40 टारगेट का पता लगाने की खासियत इस फाइटर जेट को दूसरों से और खास बना देता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रफाल में लो बैंड जैमर्स, राडार वार्निंग रिसीवर्स, इजरायली हेलमेंट माउंटेड डिस्प्ले, इन्फ्रा रेड सर्च ट्रैकिंग सिस्टम और 10 घंटे का फ्लाइट डेटा रिकार्डिंग सिस्टम लगाया जाएगा।
लड़ाकू विमान की भार ले जाने की क्षमता 9500 किलोग्राम है और यह अधिकतम 24,500 किलो तक के वजन के भार के साथ 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भरने में सक्षम है।
राफेल की 15.27 मीटर लंबा और 5.3 मीटर ऊंचा है।
इसकी फ्यूल कैपेसिटी तकरीबन 17 हजार किलोग्राम है।
राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक की उड़ान भर सकता है।
इसे इस तरह से डिजाइन किया गया कि ये हिमालय के ऊपर भी उड़ान भर सकता है।
ऐसे बहुत की हम विमान होते हैं, जिनमें हिमालय से ऊंचे उड़ने की दक्षता होती है।
फ्रांस ने अब तक कुल 10 रफाल का निर्माण किया है, जिनमें से 5 भारतीय वायुसेना के पास आ रहे हैं और शेष 5 वहां हैं।
चीन और पाकिस्तान के खिलाफ डिटरेंस
पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल (रिटायर्ड) बिक्रम सिंह ने कहा है कि राफेल विमानों के वायुसेना में शामिल होने से भारत की मारक्ष क्षमता में जबर्दस्त इजाफा होगा।
उन्होंने कहा कि ये विमान भारत के लिए चीन और पाकिस्तान के खिलाफ डिटरेंस (प्रतिरोधक) के रूप में काम करेगा।
उन्होने कहा कि सेना के आधुनिकीकरण से चीन को आभास हो गया है कि अब भारत की सेना 1962 की सेना नहीं है। अब चीन को संदेश चला गया है।
पूर्व सेनाध्यक्ष ने कहा कि दुनिया में लोग ये समझने लगे थे कि परंपरागत युद्ध हो ही नहीं सकता है, लेकिन हाल के घटनाक्रम से ये धारणाएं टूटी हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे लंबे बॉर्डर पर जो देश बसे हैं, उनमें से दो तो हमारे दुश्मन हैं। बाकी देशों को को चीन प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए भारत को तैयार रहना होगा।